भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने दी चेतावनी, मॉनसून अक्टूबर तक रहेगा सक्रिय, रबी और खरीफ फसलों पर प्रभाव की आशंका
ला नीना के प्रभाव से इस साल मॉनसून की अवधि लंबी होने की संभावना है। IMD ने खरीफ और रबी फसलों पर अधिक बारिश और ठंड के प्रभाव की चेतावनी दी है। जानिए कैसे किसान इस स्थिति से निपट सकते हैं।
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने इस साल के मॉनसून के दौरान ला नीना के प्रभाव की संभावना जताई है, जिसके चलते बारिश के समय और ठंड के मौसम में असामान्य परिवर्तन हो सकते हैं। इस साल मॉनसून की अवधि अक्टूबर के मध्य तक बढ़ सकती है, जिससे खेती और फसलों पर महत्वपूर्ण असर पड़ सकता है।
अधिक बारिश: फायदे और नुकसान
ला नीना के सक्रिय होने के कारण, इस साल खरीफ और रबी की फसलों को अधिक बारिश का सामना करना पड़ सकता है। यूरोपियन सेंटर फॉर मीडियम-रेंज वेदर फोरकास्ट (ECMWF) के अनुसार, अक्टूबर के मध्य तक बारिश जारी रह सकती है, जिससे मिट्टी में नमी की मात्रा बढ़ेगी। यह रबी फसलों की बुवाई के लिए लाभकारी हो सकता है, खासतौर पर उन फसलों के लिए जो देर से बोई जाती हैं। अधिक नमी रबी की फसलों की पैदावार और गुणवत्ता में सुधार कर सकती है।
हालांकि, खरीफ की फसलें, जो पहले ही बोई जा चुकी हैं, अधिक नमी और बारिश के चलते प्रभावित हो सकती हैं। लंबे समय तक बारिश होने से खेतों में पानी भरने की समस्या उत्पन्न हो सकती है, जिससे कटाई में देरी और फसल की गुणवत्ता में कमी आ सकती है। ऐसे में किसानों को कटाई के समय विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता होगी।
फसल का प्रकार | लाभ | नुकसान |
---|---|---|
खरीफ फसलें | नमी से पनपेंगी, गुणवत्ता बढ़ेगी | कटाई में देरी, खेतों में पानी भरने की समस्या |
रबी फसलें | बेहतर बुवाई, पैदावार में सुधार | पाला पड़ने से नुकसान का खतरा |
सर्दियों में ला नीना का प्रभाव
ला नीना का प्रभाव सर्दियों के मौसम में भी देखा जा सकता है, जब ठंड की तीव्रता बढ़ने की संभावना है। IMD के अनुसार, इस साल ठंड के मौसम में भी अधिक बारिश हो सकती है, जिससे रबी की फसलों को फायदा होगा। हालांकि, ज्यादा ठंड और पाले के चलते रबी की फसलें प्रभावित हो सकती हैं, विशेषकर उन इलाकों में जहां मैदानी क्षेत्र हैं।
पाले का पूर्वानुमान लगाना कठिन होता है, लेकिन इसके लिए किसानों को सतर्क रहने और खेतों की सुरक्षा के लिए उपाय करने की सलाह दी जाती है। किसानों को सर्दियों के दौरान पाले की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए उपाय करने चाहिए।
IMD की सिफारिशें और किसानों के लिए सलाह
भारतीय मौसम विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि वे मौसम की अद्यतन जानकारी पर नजर रखें और कृषि विशेषज्ञों से परामर्श करें। अधिक बारिश और संभावित पाले के प्रभाव को देखते हुए किसानों को अपनी फसल प्रबंधन रणनीतियों को संशोधित करना होगा।
IMD द्वारा जारी पूर्वानुमान के अनुसार, मध्य और उत्तरी भारत के किसान अपनी फसल योजना और जल प्रबंधन के लिए तैयार रहें। इस साल की असामान्य मॉनसून अवधि को ध्यान में रखते हुए, किसान अपनी फसलों की समय पर कटाई और पानी के उचित प्रबंधन पर विशेष ध्यान दें।
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